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Showing posts from November, 2021

गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए, समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए! भाग २: बच्चा गोद लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए ,  समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए! भाग २: बच्चा गोद लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज   पिछले भाग में हमने देखा कि गोद लेने की प्रक्रिया से संबंधित कौन से कानून हैं| इस भाग में हम देखेंगे कि इस प्रक्रिया के लिए कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है | कारा के संकेतस्थल पर पंजीकरण करते समय ,  कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं| आप का पहला प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ एक बच्चा हो ,  तो भी आप दूसरा गोद ले सकते हैं| लेकिन अगर आप के तीन प्राकृतिक बच्चे हैं तो आप गोद नहीं ले सकते| आप एकल अभिभावक हो ,  शादीशुदा हो या ना हो ,  आप बच्चा गोद ले सकते हैं| गोद लेने की प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज: ·           आप का जन्म प्रमाणपत्र ·           आप का पहचान प्रमाणपत्र: पैनकार्ड ,  आधारकार्ड आदि ·           शादीशुदा हो तो शादी का प्रमाणपत्र या वकील द्वारा प्रमाणित वेडिंग कार्ड ·           आप की वैद्यकीय स्थिति का डॉक्टर के दस्तखत ,  स्टँप और पंजीकरण क्रमांक के साथ दिया हुआ प्रमाणपत्र जो दर्ज करें कि आप बच्चे की परवरिश करने में सक्षम हैं ·           पिछले दो साल के करपत्र ·           गो

गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए, समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए! भाग १: बच्चा गोद लेने से पहले ...

 गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए, समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए! भाग १: बच्चा गोद लेने से पहले ... एक सुनहरा मार्ग संतानहीनता के विषय में चर्चा करते हुए, कई बार समस्या, कारण, उपचार के विषय में जब बातें होती हैं तो IVF पर आकर चर्चा रुक सी जाती है| ऐसा देखने को मिलता है कि दंपती अडॉपशन याने गोद लेने के विकल्प के विषय में सोचते ही नहीं हैं| वास्तविक रूप में देखा जाए तो परिवार बनाने का यह एक बेहद ही खूबसूरत मार्ग है| उपचार के विषय में जानने के साथ ही गोद लेने की प्रक्रिया के विषय में जानना हर दंपती के लिए उतना ही जरूरी है| परिवार की भूमिका संतानहीनता से झूंझने के पूरे सफर में उपचार हो या गोद लेने की प्रक्रिया हो, परिवार का सहयोग और स्वीकृति बहुत महत्वपूर्ण होते हैं| केवल माता या केवल पिता की इच्छा से गोद लेना बराबर नहीं| जब तक पूरे परिवार की स्वीकृति ना हो; तब तक गोद लेने की प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए| गोद लेने से संबंधित कानून पहले तो ‘हामा’ कानून के अनुसार हिंदू दंपती हिंदू बच्चा ही गोद ले सकती थे| इस कानून में बच्चे की वैद्यकीय जाँच का भी कोई कलम नहीं था| पर अब जो जे जे कानून लागू हुआ है,