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गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए, समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए! भाग १: बच्चा गोद लेने से पहले ...

 गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए, समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए!

भाग १: बच्चा गोद लेने से पहले ...


एक सुनहरा मार्ग


संतानहीनता के विषय में चर्चा करते हुए, कई बार समस्या, कारण, उपचार के विषय में जब बातें होती हैं तो IVF पर आकर चर्चा रुक सी जाती है| ऐसा देखने को मिलता है कि दंपती अडॉपशन याने गोद लेने के विकल्प के विषय में सोचते ही नहीं हैं| वास्तविक रूप में देखा जाए तो परिवार बनाने का यह एक बेहद ही खूबसूरत मार्ग है| उपचार के विषय में जानने के साथ ही गोद लेने की प्रक्रिया के विषय में जानना हर दंपती के लिए उतना ही जरूरी है|


परिवार की भूमिका


संतानहीनता से झूंझने के पूरे सफर में उपचार हो या गोद लेने की प्रक्रिया हो, परिवार का सहयोग और स्वीकृति बहुत महत्वपूर्ण होते हैं| केवल माता या केवल पिता की इच्छा से गोद लेना बराबर नहीं| जब तक पूरे परिवार की स्वीकृति ना हो; तब तक गोद लेने की प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए|


गोद लेने से संबंधित कानून


पहले तो ‘हामा’ कानून के अनुसार हिंदू दंपती हिंदू बच्चा ही गोद ले सकती थे| इस कानून में बच्चे की वैद्यकीय जाँच का भी कोई कलम नहीं था| पर अब जो जे जे कानून लागू हुआ है, उससे कोई भी दंपती किसी भी धर्म का बच्चा गोद ले सकते हैं| इस कानून के कुछ कलम:


·         आप किसी भी धर्म का बच्चा गोद ले सकते हैं|


·         अगर आप महिला एकल अभिभावक हैं तो आप बेटा या बेटी दोनों गोद ले सकते हैं पर यदि आप पुरुष एकल अभिभावक हैं तो आप केवल बेटा गोद ले सकते हैं|


·         बच्चे और अभिभावक की उम्र में कम से कम २५ साल का उचित अंतर होना भी अनिवार्य है|


·         वैद्यकीय रिपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण घटक पर भी जे जे कानून ने गौर किया है| आप जो बच्चा गोद लेते हैं उसकी पूरी वैद्यकीय जानकारी आप को दी जाती है और आप उन परीक्षणों को फिर से भी जाँच सकते हैं|


कहीसुनी बातों में आकर कोई भी बच्चा गोद लेना ठीक नहीं| उचित मार्गदर्शक तत्त्वों का पालन किया जाए तो यह प्रक्रिया आसान और सुखद हो जाती है| अगर यह सावधानी ना ली जाए तो बच्चे को यदि कोई वैद्यकीय समस्या हो जाए या उसके माता-पिता अचानक आ जाए, तो आप गैरकानूनी काम के लिए पकड़े जा सकते हैं| इसलिए कारा के तहत, सरकारी नियमों के अनुसार, प्रचलित मार्ग से ही गोद लेने की प्रक्रिया करें| बेसब्र होकर जल्दबाजी की जाए तो लेने के देने पड सकते हैं| कम से कम २.५ साल की निर्धारित राह देखकर गोद लेने के उचित मार्ग का अवलंब करने में ही समझदारी है| सरकार यह समय कम करने का प्रयास कर रही है पर देर हो तो भी दुरुस्त होना जरूरी है| अगले भाग में जानेंगे कि गोद लेने की प्रक्रिया के पंजीकरण के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक होते हैं| जानकारी के लिए ब्लॉग नियमित रूप से अवश्य पढ़ते रहिए!

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