Skip to main content

जलदी से गर्भधारणा कैसे कर लें

 गर्भ धारण करने से पहले ये कुछ बातें जान लें:

गर्भवती होने के लिए जितनी कम आप की उम्र है उतना बेहतर रहेगा क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ प्रजनन क्षमता कम होती हैं।

संबंध रखने की फ्रीक्वेंसी एक दिन छोड़कर या हर २ दिन में एक बार रखें। माहवारी के पांचवे दिन से पंद्रहवे दिन तक एक दिन छोड़कर संबंध रखें। अपनी माहवारी के साईकल को अच्छी तरह से समझें जिससे आप को सर्वाधिक प्रजननशील काल (fertile window) का पता चलें। अगर आप की माहवारी अनियमित हो तो गायनेकोलोजिस्ट के पास जाकर आतंरिक सोनोग्राफी करवायें।

ओव्ह्युलेशन किट पर निर्भर ना रहें। विज्ञान बताता है कि गर्भधारणा का सही समय ओव्ह्युलेशन से ४८ घण्टे पहले होता है।

इस प्रक्रिया को कुछ समय दे। दंपती का पूरे माह का प्रजनन दर केवल १५-२० % होता है। यदि १, २, या ३ महीने बाद गर्भ धारण नहीं हो रही हो तो फिर भी कोशिश जारी रखें ; यदि एक साल के बाद भी गर्भ धारण ना हो तो डॉक्टर के पास जाकर सलाह लेने की आवश्यकता है। अगर महिला की उम्र ३५ से ज्यादा है तो ६ महीने के बाद जाकर सलाह लें।

इसके साथ जीवन शैली पर भी ध्यान दे:

  • वजन को साधारण BMI रेंज में रखे
  • ३०-४५ मिनिट का मर्यादित व्यायाम करें, यह पति और पत्नी दोनो के लिए लागू है
  • महिलाओं को गर्भ धारण से पहले कैफीन और मद्य का सेवन नहीं करना चाहिए
  • तम्बाकू का सेवन पति और पत्नी दोनों को नहीं करना चाहिए
  • फोलिक एसिड का सप्लीमेंट लें, यह संतान के स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है

गर्भ धारण करने से पहले डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएँ, जिससे यदि कोई पूर्वस्थित विकार हो तो उनका उपचार पहले किया जा सकता है। कोई स्वास्थ्य सम्बंधित विकार हो , जैसे थायरोइड या डायबेटीस, तो इनको पहले नियंत्रित करें और उसके बाद ही गर्भ धारण की प्रक्रिया शुरू करें।

Comments

Popular posts from this blog

ART Bill 2022 – IVF का नया क़ानून

 ART Bill 2022 – IVF का नया क़ानून २५ जनवरी २०२२ यह तारीख भारत में टेस्ट ट्यूब बेबी या IVF के क्षेत्र में और इनफर्टिलिटी के इतिहास में एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण तारीख है। इस दिन ART और सरोगेसी बिल सरकार के द्वारा लागू कर दिया गया है। अब यह बिल क्या है, किस तरह से संतान हीन दंपत्तियों के इलाज पर इसका असर पड़ेगा, इस बिल के बारे में आप लोगों को क्या जानना आवश्यक है और इस बिल के बाद IVF अस्पतालों की क्या जिम्मेदारियां रहेंगी, यह सब हम आज इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे। जब भी हम कोई भी काम करते है, तो हम क़ानून के दायरे में रहकर वह करना चाहते है। टेस्ट ट्यूब बेबी, सरोगेसी, इनफर्टिलिटी यह क्षेत्र हमारे देश में पुरे विश्व की तरह बढ़ते जा रहे है। एक ऐसे कानून की जरूरत थी जो इसको नियंत्रित कर सके, जिसमें साफ़ साफ़ लिखा हो की हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते। इसी कमी को देखते हुए सरकार ने यह बिल २५ जनवरी को पारित किया है। आज हम जानेंगे की इस बिल के नियम क्या है, सरकार द्वारा डोनर एग्स को लेकर बनाये गए नियम, सरोगेसी के क्षेत्र में आने वाले बदल, इस बिल का उल्लंघन करने से क्या क्या सजाएं IVF अस्तपा

गर्भपात क्यों होता है?

 गर्भपात क्यों होता है? गर्भपात की समस्या बहुत ही आम है| गर्भावस्था के पहले छ: महीनों में यदि ब्लीडिंग होकर गर्भावस्था खंडित हो जाती है तो उसे गर्भपात कहा जाता है| कई बार मेडिकल टर्मिनेशन भी किया जाता है| जब अनचाहा गर्भ होता है या बच्चे में कुछ जन्मजात दोष होता है तो ऐसे मामलों में वैद्यकीय गर्भपात किया जाता है| लेकिन कुछ केसेस में यह क्रिया अपने आप हो जाती है| गर्भावस्था पूरी नहीं हो पाती| लगभग १०-२०%  महिलाओं में गर्भपात होते हैं| अगर महिला की उम्र ३५ से अधिक हो तो उम्र बढने से तंदुरुस्त गर्भ का विकास होना मुश्किल हो जाता है और इस वजह से गर्भपात होते हैं| प्राकृतिक रूप से गर्भ का विकास रुक जाता है और ब्लीडिंग होकर गर्भपात हो जाता है| गर्भपात के दो प्रमुख कारण होते हैं: ·         फीटल कारण, याने भ्रूण में दोष: भ्रूण में कुछ दोष, कमी या विकृति हो तो प्राकृतिक रूप से ही उसका विकास नहीं हो पता और गर्भपात हो जाता है| ·         मॅटरनल कारण, याने माँ के शरीर में समस्या: अगर बच्चेदानी में झिल्ली होन या लायनिंग में गठान या फायब्रॉईड हो या माँ के खून में ऐसे कोई लक्षण हो जिससे खून में गठानें य