Skip to main content

क्या है PCOS की बीमारी और कैसे करें उसका सामना!

 क्या है PCOS की बीमारी और कैसे करें उसका सामना!

आजकल PCOS याने पॉलीसिस्टिक ओव्हरी सिंड्रोम से कई महिलाऐं परेशान होती है और इसके कारण संतानहीनता भी हो सकती है| सब से पहले हम जान लेंगे कि यह बीमारी क्या होती है?

·         यदि किसी महिला की माहवारी अनियमित हो याने, देर से आती हो या रुक गयी हो, चेहरे पर मुहासें आए हो, शरीर और चेहरे पर बाल आए हो या बाल झड रहे हो और यदि सोनोग्राफी में अंडाशय में १० मिमि के छोटे छोटे फोलिकल दिखायी दे रहे हो, तो इन तीन में से अगर दो लक्षण भी हो, तो महिला को यह समस्या है ऐसा माना जाता है|

·         PCOS की समस्या के, महिला के शरीर पर कई प्रकार के असर होते हैं पर सबसे समस्यापूर्ण परिणाम होता है संतानहीनता|

·         अंडाशय में जो फोलिकल होते हैं उसमें से एक सामान्यरूप से पक्व होकर हर महीने में बाहर निकलता है| इस बीमारी से परेशान महिलाओं में यह डिम्बाणु अंडाशय के बाहर ही नहीं आ पाता याने ओव्ह्युलेशन ही नहीं होता| परिणामत: गर्भाधान और संतानोत्पत्ती की संभावना भी नहीं होती|

इलाज के चार चरण:

·         वजन संतुलित करना और जीवनशैली का व्यवस्थापन करना| बढ़ा हुआ वजन PCOS का प्रमुख कारण है| वजन कम करने से कई बार ओव्ह्युलेशन नॉर्मल हो जाता है और गर्भाधान हो सकता है|

·         अगर वजन नियंत्रण से ओव्ह्युलेशन शुरू ना हो तो दुसरे चरण में, माहवारी के दूसरे दिन से, पाँच दिन तक लेट्रीझोल जैसी दवाइयाँ दी जाती हैं और सोनोग्राफी से ओव्ह्युलेशन होने की निश्चिती की जाती है| गोलियों का इलाज महिला की जरूरत के अनुसार तीन से छ: महीने तक चलाया जाता है|

·         अगर दवाई से भी काम न हो तो लैप्रोस्कोपिक ड्रिलिंग का इलाज किया जाता है| इससे अंडाशय में चार सुराख़ बनाकर ओव्हरी के अंदर की टेस्टेटेरोन की मात्रा को घटाया जाता है ताकि ओव्ह्युलेशन शुरू हो जाए और गर्भाधान का मार्ग सुकर हो जाए| इससे फायदा न हो तो एफएसएच की दवाई दी जाती है और उसमें भी अगर अपयश आए तो अंतिम पर्याय होता है IVF| इससे आवश्यक परिणाम पाने की संभावना बहुत ज्यादा है और गर्भाधान और संतानप्राप्ती हो जाती है|

इन इलाजों की ओर मुड़ने से पहले महिलाओं को खानपान, कसरत और जीवनशैली से संबंधित कुछ बातों पर गौर करके, इस समस्या का निवारण करने की कोशिश करनी चाहिए|

जीवनशैली विषयक:

·         इंटरनेट से जानकारी लेकर लोग पोषण कैसे किया जाए यह निश्चित करते हैं| पर केवल खाने पर गौर करना काफी नाही| अच्छे स्वास्थ्य के लिए अतीव आवश्यक है, अच्छी नींद! देर से सोकर, सुबह ८ या ९ बजे उठाना यह आम बात हो गयी है| मगर हर अवयव का काम करने की और आराम करने का समय निश्चित होता है| रात को समय पर सोने से और सुबह समय पर उठने से कई बातों का इलाज हो जाता है| देर रात तक जगने से, स्ट्रेस हार्मोन कोर्टीसोल की निर्मिती होती है और इसका स्तर बढ़ा हुआ होना अच्छा नहीं|

·         पानी कम पीने से भी कई बीमारियों को आमंत्रण मिलता है| आप के वजन के चालीस गुना मिलिलिटर पानी आप को रोज पीना आवश्यक है|

·         कसरत करना भी अतीव आवश्यक है| सुबह और श्याम आधे आधे घंटे की सैर और दिन भर में पाँच पाँच मिनिट के लिए बीच बीच में सक्रिय रहना, शरीर को यथावश्यक कसरत करवाता है| केवल जिम में जाकर एक घंटा कसरत करना और दिनभर बैठे रहना फायदेमंद नहीं|

नींद, पानी और कसरत के साथ चौथा महत्त्वपूर्ण पहलू है खानपान|

·         PCOS का सामना करने के लिए, स्वास्थ्यपूर्ण खाना लेना आवश्यक है|

·         पॅकेज फ़ूड, कोल्डड्रिंक, मैदे से चीजों को टालना फायदेमंद होता है|

·         प्रोटीन का सेवन उचित मात्रा में करने के लिए दूध, दाल, अंडों का सेवन जरूरी है| दूध से मलाई निकालकर सेवन करने से वजन नहीं बढता| इसलिए इस समस्या को दूर करने के लिए दूध जरूर पीना चाहिए|

यदि महिलाएँ जागरूकता से अपनी जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन करें, योग्य खानपान लें, यथावश्यक कसरत करें तो इस समस्या का निराकरण हो सकता है| अगर इन से भी समस्या कम न हो, तो उचित दवाइयाँ लेकर इस समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है|


Comments

Popular posts from this blog

ART Bill 2022 – IVF का नया क़ानून

 ART Bill 2022 – IVF का नया क़ानून २५ जनवरी २०२२ यह तारीख भारत में टेस्ट ट्यूब बेबी या IVF के क्षेत्र में और इनफर्टिलिटी के इतिहास में एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण तारीख है। इस दिन ART और सरोगेसी बिल सरकार के द्वारा लागू कर दिया गया है। अब यह बिल क्या है, किस तरह से संतान हीन दंपत्तियों के इलाज पर इसका असर पड़ेगा, इस बिल के बारे में आप लोगों को क्या जानना आवश्यक है और इस बिल के बाद IVF अस्पतालों की क्या जिम्मेदारियां रहेंगी, यह सब हम आज इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे। जब भी हम कोई भी काम करते है, तो हम क़ानून के दायरे में रहकर वह करना चाहते है। टेस्ट ट्यूब बेबी, सरोगेसी, इनफर्टिलिटी यह क्षेत्र हमारे देश में पुरे विश्व की तरह बढ़ते जा रहे है। एक ऐसे कानून की जरूरत थी जो इसको नियंत्रित कर सके, जिसमें साफ़ साफ़ लिखा हो की हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते। इसी कमी को देखते हुए सरकार ने यह बिल २५ जनवरी को पारित किया है। आज हम जानेंगे की इस बिल के नियम क्या है, सरकार द्वारा डोनर एग्स को लेकर बनाये गए नियम, सरोगेसी के क्षेत्र में आने वाले बदल, इस बिल का उल्लंघन करने से क्या क्या सजाएं IVF अस...

जलदी से गर्भधारणा कैसे कर लें

  गर्भ धारण करने से पहले ये कुछ बातें जान लें: गर्भवती होने के लिए जितनी कम आप की उम्र है उतना बेहतर रहेगा क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ प्रजनन क्षमता कम होती हैं। संबंध रखने की फ्रीक्वेंसी एक दिन छोड़कर या हर २ दिन में एक बार रखें। माहवारी के पांचवे दिन से पंद्रहवे दिन तक एक दिन छोड़कर संबंध रखें। अपनी माहवारी के साईकल को अच्छी तरह से समझें जिससे आप को सर्वाधिक प्रजननशील काल (fertile window) का पता चलें। अगर आप की माहवारी अनियमित हो तो गायनेकोलोजिस्ट के पास जाकर आतंरिक सोनोग्राफी करवायें। ओव्ह्युलेशन किट पर निर्भर ना रहें। विज्ञान बताता है कि गर्भधारणा का सही समय ओव्ह्युलेशन से ४८ घण्टे पहले होता है। इस प्रक्रिया को कुछ समय दे। दंपती का पूरे माह का प्रजनन दर केवल १५-२० % होता है। यदि १, २, या ३ महीने बाद गर्भ धारण नहीं हो रही हो तो फिर भी कोशिश जारी रखें ; यदि एक साल के बाद भी गर्भ धारण ना हो तो डॉक्टर के पास जाकर सलाह लेने की आवश्यकता है। अगर महिला की उम्र ३५ से ज्यादा है तो ६ महीने के बाद जाकर सलाह लें। इसके साथ जीवन शैली पर भी ध्यान दे: वजन को साधारण BMI रेंज में रखे ३०-४५ मिनिट का मर...

गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए, समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए! भाग २: बच्चा गोद लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  गोद लेने की प्रक्रिया - जानिए ,  समझिए, संतानसुख प्राप्त कीजिए! भाग २: बच्चा गोद लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज   पिछले भाग में हमने देखा कि गोद लेने की प्रक्रिया से संबंधित कौन से कानून हैं| इस भाग में हम देखेंगे कि इस प्रक्रिया के लिए कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है | कारा के संकेतस्थल पर पंजीकरण करते समय ,  कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं| आप का पहला प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ एक बच्चा हो ,  तो भी आप दूसरा गोद ले सकते हैं| लेकिन अगर आप के तीन प्राकृतिक बच्चे हैं तो आप गोद नहीं ले सकते| आप एकल अभिभावक हो ,  शादीशुदा हो या ना हो ,  आप बच्चा गोद ले सकते हैं| गोद लेने की प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज: ·           आप का जन्म प्रमाणपत्र ·           आप का पहचान प्रमाणपत्र: पैनकार्ड ,  आधारकार्ड आदि ·           शादीशुदा हो तो शादी का प्रमाणपत्र या वकील द्वारा प्रमाणित वेडिंग कार्ड ·       ...