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गर्भपात क्यों होता है?

 गर्भपात क्यों होता है?


गर्भपात की समस्या बहुत ही आम है| गर्भावस्था के पहले छ: महीनों में यदि ब्लीडिंग होकर गर्भावस्था खंडित हो जाती है तो उसे गर्भपात कहा जाता है| कई बार मेडिकल टर्मिनेशन भी किया जाता है| जब अनचाहा गर्भ होता है या बच्चे में कुछ जन्मजात दोष होता है तो ऐसे मामलों में वैद्यकीय गर्भपात किया जाता है| लेकिन कुछ केसेस में यह क्रिया अपने आप हो जाती है| गर्भावस्था पूरी नहीं हो पाती|


लगभग १०-२०%  महिलाओं में गर्भपात होते हैं| अगर महिला की उम्र ३५ से अधिक हो तो उम्र बढने से तंदुरुस्त गर्भ का विकास होना मुश्किल हो जाता है और इस वजह से गर्भपात होते हैं| प्राकृतिक रूप से गर्भ का विकास रुक जाता है और ब्लीडिंग होकर गर्भपात हो जाता है|


गर्भपात के दो प्रमुख कारण होते हैं:


·         फीटल कारण, याने भ्रूण में दोष: भ्रूण में कुछ दोष, कमी या विकृति हो तो प्राकृतिक रूप से ही उसका विकास नहीं हो पता और गर्भपात हो जाता है|


·         मॅटरनल कारण, याने माँ के शरीर में समस्या: अगर बच्चेदानी में झिल्ली होन या लायनिंग में गठान या फायब्रॉईड हो या माँ के खून में ऐसे कोई लक्षण हो जिससे खून में गठानें याने क्लॉट होते हो तो  उससे माँ और बच्चे में पोषण के लिए संपर्क नहीं बन पता और छ: हफ्तों में प्रेग्नंसी ख़त्म हो जाती है|


गर्भपात होने पर कौन से टेस्ट करवाने चहिए?


यदि एक हेए बार गर्भपात हो तो उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं होती| अगर आयु अनुपत मे हो तो ऐसे केसेस मे अपने आप दूसरी प्रेग्नंसी आ सकती है| केवल ब्लडद्ग्रूप, आरएच घटक, थायरॉइड की मात्रा और शुगर की सामान्य जाँचें की जाती है और अगली प्रेग्नंसी अपने आप आ सकती है| ऐसी महिलाओ


को यदि रूबेला का टीका लगा हुआ हो तो वे तुरंत अगला चांस ले सकती हैं|


 


यदि लगातार गर्भपात हो तो?


अगर किसी महिला क ३-४ बार लगातार गर्भपात हो जाए तो उपर्युक्त दो कारणों की जाँच तुरंत करवाके ‍डॉक्टर से परामर्श लेना चहिए|


अगर माँ को अँटी फॉस्फोलिपिड अँटी बॉडी सिंड्रोम हो तो माँ से बच्चे को पोषण नहीं मिल पाता| खून में क्लॉट बन जाने के कारण BP बढ सकता है और बच्चे का विकास नहीं हो पाता| दूसरा कम पाया जानेवाला कारण है, क्रोमोझोमल दोष| ऐसे केसेस में जेनेटिक दोष की वजह से गर्भ क विकास रुक जाता है और गर्भपात हो जाता है|


क्या गर्भपात होने की संभावना में उम्र का महत्व होता है?


माहवारी शुरु होने की आयु के पास या खत्म होने की आयु के पास अगर गर्भाधान हुआ हो तो गर्भपात की संभावना अधिक होती है|  अगर उम्र कम हो तो एग्ज पूरी तरह तैयार नहीं होते और ज्यादा उम्र में उनमें दोष होने के कारण गर्भपात हो जाता है|


क्या गर्भपात को टाला जा सकता है?


हर गर्भपात को टाल पाना मुमकिन नहीं होता| सारे भ्रूण नॉर्मल नहीं होते| जब भ्रूण में दोष होता है तो गर्भपात हो जाता है क्योंकि उसमें विकास की क्षमता ही नहीं होता| यह प्राकृतिक गुणवत्ता नियंत्रण है|


अगर माँ की समस्या की वजह से गर्भपात होता है, तो वह रोका जा सकता है|


गर्भपात टालने के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?


·         ब्लड शुगर ज्यादा न होने पर ध्यान देना चाहिए


·         पीसीओएस की समस्या नहीं होनी चाहिए


·         थायरॉइड नियंत्रण में होना चाहिए


·         गर्भावस्था में एक्सरे ना लें


·         बिना सलाह के कोई भी दवा न लें


·         अच्छी जीवनशैली रखें


इन सारी बातों को ध्यान में रखकर गर्भपात से बचकर संतानसुख पाया जा सकता है|

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