नैसर्गिक रूप से फर्टिलिटी कैसे बढ़ाएँ
किसी भी दंपती की यही मनोकामना होती है कि उन्हें नैसर्गिक रूप से गर्भाधान हो और सुरक्षित, स्वास्थ्यपूर्ण गर्भावस्था और प्रसूती हो| नैसर्गिक रूप से संतान प्राप्त करने के लिए, महिला और पुरुष दोनों को कुछ बातों की जानकारी होना और कुछ बातों में सावधानी रखना अनिवार्य होता है| इसी विषय की समग्र जानकारी इस ब्लॉग में दी गयी है|
महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण बातें:
नैसर्गिक रूप से गर्भाधान होने के लिए, निम्नलिखित बातें बहुत आवश्यक होती हैं:
१. एग या बीज अच्छी गुणवत्ता का और स्वस्थ हो और ओव्ह्युलेशन, निरामय और नियमित हो|
२. फॅलोपियन ट्यूब्ज खुली और सक्रिय हो| उनमें कोई रुकावट या समस्या ना हो|
३. गर्भाशय स्वस्थ हो| उसमें फायब्रॉइड की वृद्धी या टीबी का इन्फेक्शन ना हो|
ओव्ह्युलेशन में समस्या होने के दो प्रमुख कारण हो सकते हैं:
१. PCOS (पॉलीसिस्टिक ओव्हरी सिंड्रोम): इस बीमारी की वजह से ओव्ह्युलेशन अनियमित होता है| आजकल युवतियों में वजन अनुपात से ज्यादा होना, अनियमित माहवारी होना, अनचाहे बाल होना ऐसी अनेक समस्याएँ होती हैं जिनकी जड PCOS होता है| अगर किसी को यह समस्या है तो आगे चलकर संतानहीनता होने की संभावना हो सकती है|
२. रिड्यूस्ड ओव्हेरियन रिजर्व्ह: आजकल लडकियों की शादी की उम्र बढ गयी है और बच्चे का विचार भी जब दंपती करते हैं, तो आयु बडी होती है| जैसे ही उम्र बढती जाती है, ओव्हरी में उपलब्ध अंडों की संख्या घटती जाती है और यह संतानहीनता का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है| इसलिए महिलाओं को चाहिए कि बच्चे का विचार अधिक समय तक आगे ना धकेले| सही उम्र, समस्यारहित गर्भाधान के लिए बहुत आवश्यक होती है|
इन कारणों के साथ ही, कुछ अन्य बातें नैसर्गिक प्रेग्नंसी के लिए महत्वपूर्ण होती हैं:
· फॅलोपियन ट्यूब्ज खुली और निरामय होना गर्भाधान के लिए आवश्यक है क्योंकि निषेचन की शुरुआत ट्यूब्ज में ही होती है| ट्यूब्ज या तो नैसर्गिक रूप से किसी दोष के कारण ब्लॉक्ड हो सकते हैं या किसी लैंगिक इन्फेक्शन (STI) की वजह से बंद हो सकते हैं| असुरक्षित संबंधों के कारण जो इन्फेक्शन हो जाता है, उससे संतानहीनता, एक्टोपिक प्रेग्नंसी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं| अत: संबंध रखते समय सावधानी लेना, कोंडोम का प्रयोग करना जरूरी है| अबॉर्शन के बाद होनेवाले इन्फेक्शन से भी संतानहीनता हो सकती है| अनचाही प्रेग्नंसी की सफाई केवल डॉक्टर से करवाएँ| ओव्हर द काउंटर दवाइयों से या किसी अवैद्यकीय तरीके से अबॉर्शन कभी न करवाएँ| इससे ट्यूब्ज सुरक्षित और निरामय रहती हैं| परिवार नियोजन के लिए गर्भनिरोधक इस्तेमाल करने चाहिए| अबॉर्शन इसका उपाय नहीं|
· अगर किसी कारण गर्भाशय या अंडाशय की शस्त्रक्रिया की गयी हो या किमोथेरपी उपचार लिए गए हो तो गर्भधारणा का विचार करने से पहले डॉक्टर से चर्चा करके अंडों को फ्रीज करके रखने की सुविधा भी अब उपलब्ध है, जिससे तंदुरुस्त एग बाद में गर्भाधान के लिए पाए जा सकते हैं|
· कभी कभी कुछ वैयक्तिक, सामाजिक कारणों की वजह से अगर समय पर प्रेग्नंसी का विचार नहीं किया जा सकता हो तो एग प्रिझर्व्ह करने के उपायों के बारे में अवश्य सोचना चाहिए जिससे आगे चलकर गर्भधारणा सुलभ हो सकती है|
अपने करियर के विषय में सोचने के साथ ही महिलाओं को अपनी उम्र के बारे में सोचकर सही समय पर गर्भाधान का प्रयास करना उचित होता है|
अब देखते हैं कि पुरुष ऐसी किन बातों पर गौर सकते हैं जिससे नैसर्गिक रूप से गर्भाधान हो सके!
कुछ बातें जो जरूर टालनी चाहिए:
१. अगर आप के काम की जगह का तापमान बहुत ज्यादा है या रेडियेशन का आप को सामना करना पडता है तो इन बातों का स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता पर विपरीत असर होता है| इसलिए ऐसे वातावरण को टालना चाहिए|
२. धूम्रपान या किसी भी प्रकार से तमाकू का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका स्पर्म की बनावट पर बुरा परिणाम होता है
३. ऑक्सीडेटीव्ह स्ट्रेस से भी स्पर्म पर विपरीत परिणाम होता है और यह स्ट्रेस खानपान, अनुपात से ज्यादा वजन, प्रदूषण, धातू से संपर्क, ट्रान्सफॅट, जंकफ़ूड, तले हुए पदार्थों का सेवन इन सब की वजह से स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता कम हो जाती है और जाहीर है इससे संतानहीनता हो सकती है|
४. BMI ३० से अधिक ना हो| वजन अधिक बढने ना दे|
ये बातें अवश्य करें:
1. उचित खानपान और नियमित व्यायाम
2. फल, सब्जियों का सेवन जिससे नैसर्गिक ऑक्सीडंट मिलें और रिअॅक्टिव्ह ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाए|
3. अलुमिनियम के बर्तनों में खाना पकाने से स्पर्म की गुणवत्ता पर असर पडता है| इसलिए ऐसे बर्तनों का इस्तेमाल ना करें|
महिलाऐं और पुरुष यदि इन सभी बातों का ध्यान रखें तो स्वास्थ्यपूर्ण, नैसर्गिक गर्भाधान निश्चित रूप में हो सकता है|
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